पहालगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख को वैश्विक मंच पर रखने के लिए एक कूटनीतिक मुहिम शुरू की है। इसके तहत सात बहुदलीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडलों को आज विदेश मंत्रालय द्वारा “टॉकिंग पॉइंट्स” (मुख्य बातें) दिए जाएंगे, ताकि वे विभिन्न देशों में भारत की कार्रवाई और नीति को सही ढंग से प्रस्तुत कर सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालिया कार्रवाई को वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ युद्ध का हिस्सा बताया और कहा कि अब आतंकवाद और उसे समर्थन देने वाली सरकारों में कोई फर्क नहीं किया जाएगा, चाहे वे "न्यूक्लियर ब्लैकमेल" का सहारा लें या नहीं।
21 मई से 5 जून के बीच ये प्रतिनिधिमंडल 32 देशों की यात्रा करेंगे। इनका उद्देश्य है पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करना और यह बताना कि भारत आतंकवाद का शिकार है जबकि पाकिस्तान उसका पोषक।
प्रमुख प्रतिनिधिमंडल इस प्रकार हैं:
शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे की टीम यूएई व अफ्रीकी देशों में जाएगी।
भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की टीम सऊदी अरब व खाड़ी देशों का दौरा करेगी।
डीएमके सांसद कनिमोझी यूरोपीय देशों की यात्रा करेंगी।
जेडीयू सांसद संजय झा पूर्व व दक्षिण-पूर्व एशिया जाएंगे।
रविशंकर प्रसाद यूरोपीय संघ और यूरोपीय देशों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर अमेरिका और लैटिन अमेरिका का दौरा करेंगे।
सुप्रिया सुले मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका जाएंगी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री आज इन सभी प्रतिनिधिमंडलों को ब्रीफ करेंगे।